चौधरी देवीलाल परिवार के सभी सदस्यों की ये है अनूठी कहानी
चौधरी देवीलाल
चौधरी देवीलाल परिवार के सभी सदस्यों की ये है अनूठी कहानी
चौ. देवीलाल: चौ. देवीलाल 1977 से लेकर 1979 और 1987 से 1989 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। वे दो बार देश के उपप्रधानमंत्री भी बने। साल 1952 में वे संयुक्त पंजाब के समय 1952 में सिरसा से जबकि 1962 में डबवाली से विधायक चुने गए। वे 1974 में रोड़ी और 1985 में से महम का उपचुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे। इसके अलावा 1977 में भट्टू, 1982 और 1987 में महम से विधायक रहे। वे तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे। साल 1989 में उन्होंने राजस्थान के सीकर, पंजाब के फिरोजपुर और हरियाणा के रोहतक से संसदीय चुनाव लड़ा और रोहतक व सीकर से चुनाव जीता।
चौ. ओमप्रकाश चौटाला: ओमप्रकाश चौटाला पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। चौटाला 1970 में ऐलनाबाद से उपचुनाव जीतकर हरियाणा विधानसभा में पहुंचे। इसके बाद उन्होंने 1990 और 1993 का भी उपचुनाव जीता। 1996 में रोड़ी, 2000 में नरवाना और 2009 में वे उचाना और ऐलनाबाद से विधायक निर्वाचित हुए। वे इंडियन नैशनल लोकदल के सुप्रीमो हैं।
प्रताप चौटाला: चौ. देवीलाल के छोटे बेटे प्रताप चौटाला 1967 में ऐलनाबाद से विधायक चुने गए। सियासत में वे दल बदलते रहे। अपने पिता से बागी हो गए थे। जब साल 2013 में उनके भाई ओमप्रकाश चौटाला को कोर्ट ने जेबीटी प्रकरण में दोषी करार दिया तब वे अपने बड़े भाई के साथ आ गए।
चौ. रणजीत ङ्क्षसह: दिल्ली यूनिवर्सिटी से गे्रजुएट रणजीत ङ्क्षसह साल 1987 में रोड़ी से विधायक निर्वाचित हुए और अपने पिता देवीलाल की सरकार में कृषि मंत्री रहे। इसके बाद दिग्गज चेहरों के आगे वे रोड़ी और आदमपुर से चुनाव हार गए। करीब 32 वर्ष बाद साल 2019 के चुनाव में उन्होंने बतौर आजाद उम्मीदवार रानियां से करीब 20 हजार वोटों से जीत हासिल की।
जगदीश चौटाला: देवीलाल के सबसे छोटे बेटे थे। काफी समय पहले निधन हो गया था। राजनीति से हमेशा दूर रहे। इंग्लिश और हिस्ट्री में मास्टर डिग्री की थी। देवीलाल जब खादी बोर्ड के चेयरमैन थे तब वे उनकी गाड़ी ड्राइव करते थे और अपने पिता के लिए ङ्क्षहदी और अंग्रेजी में खत लिखते थे।
अजय ङ्क्षसह चौटाला: चौ. देवीलाल के पौते और ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे हैं। वे जननायक जनता पार्टी के संरक्षक हैं। 1980 में सियासत में आए। साल 1989 में राजस्थान के दाताराम गढ़ और 1993 में नोहर से जबकि 2009 में हरियाणा के डबवाली से विधायक चुने गए। साल 1999 में भिवानी से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए तो 2004 में राज्यसभा के सदस्य भी बने।
अभय ङ्क्षसह चौटाला: अभय ङ्क्षसह चौटाला ओमप्रकाश चौटाला के बेटे हैं और इंडियन नैशनल लोकदल के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव हैं। गांव से पंच के रूप में राजनीति शुरू की। 2000 में रोड़ी से तो 2010 में ऐलनाबाद से उपचुनाव जीता। 2014 और 2019 में वे ऐलनाबाद से विधायक बने। वे भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष रहने के अलावा साल 2014 से 2019 तक हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। 2024 में ऐलनाबाद से चुनाव हार गए।
नैना चौटाला: अजय ङ्क्षसह चौटाला की पत्नी नैना चौटाला अपने पति के जेल जाने के बाद सियासत में आई और साल 2014 में वे डबवाली से विधायक निर्वाचित हुई। 2019 में बाढड़ा से विधायक बनीं।
कांता चौटाला: सियासत में अधिक रुचि नहीं रखती हैं। जनवरी 2016 में सिरसा से जिला परिषद का चुनाव लड़ा और अपने देवर आदित्य चौटाला से हार गईं।
दुष्यंत चौटाला: देवीलाल के पड़पौते, ओमप्रकाश चौटाला के पौते और अजय ङ्क्षसह चौटाला के बड़े बेटे हैं। साल 2014 में हिसार से कुलदीप बिश्रोई को हराकर सांसद बने। 2018 के अंत में स्वयं का सियासी दल जननायक जनता पार्टी बनाया। स्वयं उचाना से विधायक बने तो पार्टी ने 14.84 प्रतिशत मत लेकर 10 सीटों पर जीत दर्ज की। 2019 में उचाना से विधायक बने और 2024 में हार गए।
दिग्विजय चौटाला: अजय ङ्क्षसह चौटाला के छोटे बेटे हैं। जजपा के छात्र संगठन इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जींद से जनवरी 2019 में उपचुनाव लड़ा। 37 हजार वोट मिले, पर चुनाव हार गए। 2019 में सोनीपत संसदीय सीट से भी चुनाव लड़ा और पराजित हो गए। 2024 में डबवाली से चुनाव हार गए।
कर्ण चौटाला: अभय ङ्क्षसह चौटाला के बड़े बेटे हैं। सियासत में काफी समय से सक्रिय हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में प्रभारी के रूप में काम किया। फिलहाल कोई चुनाव नहीं लड़ा है।
अर्जुन चौटाला: अर्जुन अभय ङ्क्षसह के छोटे बेटे हैं और वे 2024 में रानियां से विधायक निर्वाचित हुए हैं। वे सियासत में सक्रिय हैं और 2019 में कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ा था। बड़े भाई की तुलना में अधिक सक्रिय नजर आते हैं।
रवि चौटाला: देवीलाल के पौते और स्व. प्रताप चौटाला के बेटे हैं। वे 2009 में डबवाली से चुनाव लड़ चुके हैं। फिलहाल इंडियन नैशनल लोकदल में सक्रिय हैं।
आदित्य चौटाला: 2024 में डबवाली से विधायक चुने गए। देवीलाल के पौते और जगदीश चौटाला के बड़े बेटे हैं। सियासत में साल करीब डेढ़ दशक से सक्रिय हैं। जनवरी 2016 में भाजपा से जिला परिषद के सदस्य बने जबकि 2019 में डबवाली से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा। फिलहाल भाजपा के सिरसा जिला के अध्यक्ष हैं।
अनिरुद्ध चौटाला: वे सियासत में अधिक सक्रिय नहीं है, लेकिन एक थिंक टैंक के रूप में अपने भाई आदित्य के साथ हैं। चुनाव प्रबंधन में अहम भूमिका अदा करते हैं।
सुनैना चौटाला: प्रताप चौटाला की पुत्रवधु और रवि चौटाला की पत्नी हैं। इनैलो की महिला मोर्चा की महासचिव हैं। वे इनैलो में एक सक्रिय महिला चेहरा हैं। 2024 में हिसार से संसदीय चुनाव व फतेहबाद से विधायक चुनाव लड़ाद्ध